Land Acquisition

कृषि

कई दशक पहले पंडित नेहरू ने कहा था कि ‘‘हर चीज इंतजार कर सकती है, परंतु कृषि नहीं’’, लेकिन उनकी यह बात आज भी प्रासंगिक है। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का मूलभूत अंग है और किसान उसकी बुनियाद हैं। हम किसी भी हालत में उनको कमतर नहीं समझ सकते और उनकी दुर्दशा की अनदेखी नहीं कर सकते। अर्थव्यवस्था और राजनीतिक ढांचे की मौजूदा हालत के कारण किसानों की आत्महत्याएं चौंकाने वाले स्तर तक जा पहुंची हैं, जिसका प्रमुख कारण कर्ज का बढ़ता बोझ, फसलों का फायदेमंद दाम न मिलना, उत्पादन की लागत बढ़ना और कृषि कर्ज़ में कमी है। कांग्रेस पार्टी और मैं एक ऐसे सरकारी तंत्र के निर्माण की अहमियत में यकीन रखते हैं, जो किसानों और उनके परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए काम करे।

भारतीय किसानों को कर्ज के बढ़ते बोझ से बचने में मदद करने पर हमें सबसे पहले ध्यान देना चाहिए। इस बोझ को मिटाने के लिए नये और टिकाऊ उपाय खोजने पर हमें ध्यान केंद्रित करना होगा और पुरजोर कोशिशें करनी होंगी। 2009 में यूपीए सरकार द्वारा लागू किये गये किसान कर्ज माफी कार्यक्रम, जिसके तहत 3.2 करोड़ से अधिक किसानों को फायदा पहुंचा था, की तर्ज पर हम छोटे और सीमांत किसानों के लिए कर्ज माफी योजना शुरू करेंगे। इसके अलावा, किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिये उन्हें सरकार की मदद की आवश्यकता है। हमें मौजूदा एमएसपी पर फिर से विचार करना होगा और स्वामीनाथन समिति द्वारा सुझाए गये फॉर्मूले को शामिल करना होगा। हमें स्वामित्व वाली पूंजीगत परिसम्पत्तियों के मूल्य, लीज पर ली गयी जमीन के एवज में चुकाए गये किराये और स्वामित्व वाली जमीन के किराये पर विचार करना होगा। उचित एमएसपी की गणना के बिना हम अपने किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और इस तरह हम कभी भी जरूरत के समय उनकी मदद नहीं कर सकेंगे।

किसानों की तरक्की में सहायता देने के लिए हमें उपयुक्त अवसर उत्पन्न करने होंगे, जो उनके लिए बड़े पैमाने पर लाभदायक हों। हमें काश्तकारों, बटाईदारों और दो हेक्टेयर के भूमिधर किसानों तथा उस पर खेती करने वाले किसानों को इनपुट लागत वहन करने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज देना होगा। इससे उन्हें पैसों की चिंता किये बगैर अपनी उपज में सुधार करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, हमें भारतीय कृषि में आमूलचूल बदलाव लाकर उसे किसान केंद्रित बनाने की जरुरत है, इससे उनकी लाभप्रदता बहाल होगी, किसानों की आय बढ़ाने, किसानों की गरिमा सुनिश्चित करने, उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा, उनके परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं, किसानों और खेतिहर मजदूरों को पेंशन के जरिये वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की भी जरुरत है। किसान और कृषि मजदूर कल्याण आयोग पेंशन निधि के माध्यम से किसानों और खेतिहर मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देते हुए उनके कल्याण की व्यवस्था करेगा।

कृषि सहित हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में, बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए हमें नये, वैज्ञानिक और आधुनिक तौर-तरीकों पर विचार करने की जरुरत है। कांग्रेस पार्टी का हमेशा से यही यकीन रहा है कि हर भारतीय को आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ मिलना चाहिए। कृषि के लिए हम खेती-बाड़ी के क्षेत्र में विपणन, नयी तकनीक, वितरण इत्यादि में किसानों की सहायता के लिए कृषि क्षेत्र के स्टार्ट-अप और व्यवसायों को सहायता देंगे। हम विशेष कृषि क्षेत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करेंगे, जो घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए उच्च मूल्य वर्ग की फसलों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इससे उत्पादों की ब्रांडिंग, बड़े पैमाने पर किफायती उत्पादन और निवेश आकर्षित करने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा, भले ही वह किसी भी पृष्ठभूमि के हों। हम ब्लॉक स्तर पर किसानों के लिए कौशल केंद्र बनाने पर ध्यान देंगे -जैसा कि कर्नाटक में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया था - ताकि नवीनतम तकनीक और नेटवर्क तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित की जा सके। हम आठवीं कक्षा के स्तर से ही कृषि और पशुपालन में बुनियादी कौशल प्रदान करने पर जोर देंगे, ताकि विद्यार्थी कृषि का महत्व समझ सकें।

ऐसा देश, जहां 56 प्रतिशत कामगार आबादी कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों से संबंधित हो, ऐसे में उन लोगों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियां बनाना हमारे लिए आवश्यक हो जाता है। 60 साल पहले, भारत हरित क्रांति में अपनाई गई आधुनिक तकनीक के जरिये अपनी आवश्यकता से अधिक अन्न उपजाने वाला देश बन गया था; आज किसानों तथा उनके परिवारों के जीवन में पूरी तरह बदलाव लाने के लिए हमें 1960 के दशक की शुरुआत जैसे ही आमूल-चूल बदलाव की कोशिश करनी चाहिए।

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