Rahul gandhi amethi infrastructure

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दृष्टिकोण हमारे समाज में महिलाओं को बराबरी का स्थान सुनिश्चित कराना है। वह हमेशा यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते रहे हैं कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए और राजनीतिक प्रक्रिया में उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व प्राप्त हो। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण की हिमायत करते हुए लगातार इस दिशा में काम किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए तमाम उपाय किये हैं। अमेठी के गांवों की महिलाओं के बीच स्वयं सहायता समूहों की व्यवस्था शुरू करना उनके सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य महिलाओं को एकजुट करना और उन्हें सही जानकारी तथा फैसले लेने की क्षमता के साथ सशक्त बनाना था। राजीव गांधी महिला विकास परियोजना (आरजीएमवीपी) के माध्यम से महिलाओं को नेतृत्व, शिक्षा, मौलिक अधिकार, स्वास्थ्य और आत्मरक्षा में कौशल प्रदान किए जाते हैं, ये सभी उनको और ज्यादा स्वतंत्र एवं सशक्त बनने में मदद करते हैं। एसएचजी की परिकल्पना कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंच बनाने और दूर-दराज के इलाकों तक प्रसार के लिये की गई थी। इनको त्रिस्तरीय ढांचे के तौर पर तैयार किया गया है यानी, गांव में 10-20 महिलाओं के साथ एक एसएचजी, गांव के स्तर पर लगभग 10 एसएचजी और ब्लॉक स्तर पर जिसमें ग्रामीण स्तरीय एसएचजी का संघ शामिल होता है।

माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने अमेठी का दौरा किया

राहुल गांधी अमेठी में महिलाओं द्वारा लाये जा रहे बदलावों को दुनिया की निगाह में लाने के लिए 2010 में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और समाजसेवी बिल गेट्स को ले कर आये। दोनों ने महिलाओं की जरूरतों और विकास के मुद्दों पर उनसे बात करने के लिये एक साथ विभिन्न स्कूलों, अस्पतालों, आईजीईएचआरसी नेत्र देखभाल शिविरों और एसएचजी समूह का दौरा किया। इस दौरे ने एसएचजी योजना को लोकप्रिय बनाने में मदद की तथा जिले और आसपास के गांवों में महिलाओं द्वारा किये गये अतुलनीय कार्यों की झलक दुनिया को दिखाई।

एसएचजी मुख्य रूप से वित्तीय स्थिरता, समावेशन, आजीविका वृद्धि, स्वास्थ्य सेवा और सरकारी योजनाओं तक पहुंच के क्षेत्रों में काम करते हैं।

एसएचजी की सफलता का अंदाजा अमेठी के गांव-गांव तक इसकी पहुंच से सहज ही लगाया जा सकता है। अकेले 2015-16 में ही, इस कार्यक्रम में, आरजीएमवीपी के तहत 701 में से 699 पंचायतों सहित 16 ब्लॉक को कवर किया गया। मार्च 2016 तक, अमेठी में 13,795 एसएचजी थे, जिनकी पहुंच 1,48,135 परिवारों तक थी।

ग्रामीण महिलाओं ने अपने गांवों में एसएचजी से जुड़ने के बाद हासिल प्रशिक्षण और जानकारी का लाभ उठाया। उन्होंने समावेशन, सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक पहुंच से अपने जीवन की गुणवत्ता में हुए शानदार बदलावों के बारे में बताया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी कहानियों ने उस सशक्तिकरण और स्वतंत्रता को उजागर किया, जो उन्होंने एसएचजी से जुड़ने के बाद हासिल की है।

यहां कुछ महिलाओं की कहानियां प्रस्तुत हैं, जिनमें वे बता रही हैं कि एसएचजी से सक्रिय रूप से जुड़ने के बाद उनके जीवन में क्या बेहतर बदलाव आए : -

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