Rahul gandhi amethi infrastructure b

उद्योग

अमेठी मुख्यतः कृषि-आधारित समाज रहा है और राहुल गांधी का विज़न औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देकर यहां की जनता को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने का रहा है। इसके लिये विकास का मिला-जुला मॉडल अपनाया गया है, जिसके तहत कृषि को बढ़ावा देते हुए औद्योगीकरण को भी समायोजित करने का प्रयास किया गया है। राहुल गांधी सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी में दृढ़ विश्वास रखते हैं और इसलिए लोगों के परामर्श से ही उद्योगों का विकास किया गया है। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि भले ही भारी और मध्यम उद्योग स्थापित किये गये, लेकिन उनकी स्थापना आजीविका के पारंपरिक साधनों की कीमत पर नहीं की गई। 1980 के दशक से अमेठी में कई उद्योग स्थापित किये गये हैं, जिससे जिले के लोगों के लिये रोजगार के असीमित अवसर खुले हैं।

भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड

भेल का प्रवेश द्वार

श्री राजीव गांधी ने 1983 में जगदीशपुर औद्योगिक क्षेत्र में भेल की स्थापना की थी। वह अमेठी में स्थापित होने वाले पहले भारी उद्योगों में से एक था। यहां फैब्रिकेशन प्लांट और सेंट्रलाइज्ड स्टैंपिंग यूनिट है। 2009-10 में राहुल गांधी ने 367 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भेल का विस्तार कराया, करीब 1500 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये। यह संयत्र बिजली संयंत्र उपकरणों के लिए हर साल 25000 टन फैब्रिकेटेड और मशीनी संघटकों का उत्पादन करता है।

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल)

जगदीशपुर स्थित सेल यूनिट

सेल ने जगदीशपुर स्थित निष्क्रिय मालविका स्टील के संयंत्र का 2009 में 510 करोड़ रुपये की लागत से अधिग्रहण कर लिया। इसमें तीन इकाइयां जोड़ी गईं हैं, जिनमें टीएमटी बार मिल, गैल्वनाइज्ड शीट कॉरगेशन यूनिट और क्रैश बैरियर विनिर्माण इकाई शामिल हैं। इस कदम से अमेठी के लगभग 700 लोगों को रोजगार मिलना सुनिश्चित हुआ।

रेल नीर


गौरीगंज में रेल नीर संयंत्र

भारत के सबसे बड़े रेल नीर संयंत्रों में से एक अमेठी में है। भारतीय रेलवे के लिये बोतलबंद पानी तैयार करने वाला यह संयंत्र 2014 में कुल 8 करोड़ रुपये की लागत से गौरीगंज में स्थापित किया गया था। इसमें भारतीय रेल के लिये प्रति दिन 72,000 यूनिट बोतलबंद पानी के उत्पादन की क्षमता है। रेल नीर संयंत्र की स्थापना ने अमेठी के लोगों के लिए रोजगार का एक अन्य क्षेत्र उपलब्ध कराया है।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड

कोरवा स्थित एचएएल परिसर

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत के वैमानिकी रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा निर्माता है। एचएएल कई दशकों से अत्याधुनिक हथियार और लड़ाकू विमानों का निर्माण कर रहा है, जिसने भारत को वैश्विक शक्ति संबंधों में प्रतिष्ठित स्थान पाने में सहायता प्रदान की है। 1982 में एचएएल ने भारतीय वायु सेना के लिए रक्षा उत्पादन के उद्देश्य से अमेठी में एक अलग प्रभाग स्थापित किया। यह सेंटर वायुसेना के अंतर्राष्ट्रीय विमानों के लिये डिस्प्ले अटैक रेंज और इनर्शल नेविगेशन सिस्टम के साथ-साथ मिग -27 के लिए एवियॉनिक सिस्टम्स का उत्पादन करता है। अमेठी का यह सेंटर 200 इंजीनियरों के साथ लगभग 1100 कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराता है।

आयुध कारखाना

कोरवा स्थित आयुध कारखाना

2007 में, राहुल गांधी ने एचएएल परिसर में कार्बाइन और अन्य रक्षा उपकरणों के निर्माण के उद्देश्य से 408 करोड़ रुपये के निवेश से एक आयुध कारखाने की स्थापना की। इससे करीब 500 से ज्यादा लोगों को औपचारिक रोज़गार मिलना सुनिश्चित हुआ।

अन्य उद्योग और रोजगार के अवसर

जगदीशपुर में पेलेट फीड्स लिमिटेड

पिछले दशक में अमेठी में उन्नत होते औद्योगीकरण और बढ़ते बाजारों ने कई निजी कंपनियों को अमेठी में अपनी विनिर्माण इकाईयां लगाने के लिए प्रोत्साहित भी किया है। इन निजी उद्योगों के आने से भी जिले में रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि हुई है। 1998 में जगदीशपुर में स्थापित इंडो गल्फ फर्टिलाइजर प्लांट, एक अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा है और इसे देश के सबसे ऊर्जा कुशल संयंत्रों में से एक माना जाता है। यह भारत के सिंधु-गांगेय मैदानी क्षेत्रों में कृषि भूमि के बीचो-बीच स्थित है, जिसके कारण इसे विशाल और बढ़ते बाजार तक आसान पहुंच मिलती है।

गौरीगंज स्थित एसीसी टिकारिया सीमेंट वर्क्स

रेत और सीमेंट का प्रमुख उत्पादक एसीसी लिमिटेड तथा अनाज मिल उत्पादों, स्टार्च और स्टार्च उत्पादों आदि का विनिर्माता शालीमार पेलेट फीड्स- दोनों अमेठी के लोगों के लिए रोजगार का प्रमुख स्रोत हैं। नियमित और रोजगार के बढ़ते अवसरों से अमेठी के लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है। बेहतर रोजगार परिदृश्य से उनकी क्रय शक्ति भी तेजी से बढ़ी है, मानव विकास संकेतकों में सुधार हुआ है और अब वे बेहतर जीवन का आनंद ले रहे हैं।

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